संस्कृत विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के अवसर संस्कृत भाषण, प्रश्नोत्तरी एवं पोस्टर मेकिंग तथा रंगोली आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन

संस्कृत विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के अवसर संस्कृत भाषण, प्रश्नोत्तरी एवं पोस्टर मेकिंग तथा रंगोली आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया । प्राचार्य डॉ संजय कुमार गोयल ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया। सरस्वती वंदना गान काजल, कमल, खुशी, रितु शालिनी कपिल, प्रिंस आरती ने किया। दीप ज्योति का मंत्र कपिल ने गाया। प्राचार्य ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता वह अनुपम ग्रंथ है जो हर मानव को निरंतर कर्मशील रहने का संदेश देता है। प्राचार्य महोदय ने अपने वक्तव्य में विद्यार्थियों को महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि गांधीजी अपने अनेकानेक संदेशों में श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों का उल्लेख करते हैं प्राचार्य डॉ संजय गोयल ने ‘परित्राणाय साधुनाम विनाशाय च दुष्कृतान्’ श्लोक की वैज्ञानिक दृष्टि से व्याख्या करते हुए भौतिक विज्ञान के ऊर्जा प्रवाह के सिद्धांत को इस श्लोक के साथ व्यवहारिक दृष्टि से समझाया जो अत्यंत अद्भुत व उल्लेखनीय रहा और विद्यार्थियों के अंतर हृदय को छू गया । उन्होंने संस्कृत विभाग की विभागाध्यक्षा तथा कार्यक्रम की संयोजिका डॉ विनय सिंघल और सह संयोजक डॉक्टर दीपक शर्मा तथा सभी उपस्थित छात्रों को इस कार्यक्रम की शुभकामनाएं व बधाई दी। प्राचार्य महोदय द्वारा विद्यार्थियों को लगभग 100 गीता बांटी गई। कार्यक्रम में भाषण प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल की भूमिका डॉक्टर अशोक अत्रि , डॉ जयवीर धारीवाल एवं डॉक्टर दीपशिखा ने निभाई। पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल की भूमिका डॉ गीता गोयल ,प्रो.पूजा,प्रो.अंजलि एवं प्रोफेसर अर्चना ने निभाई। रंगोली प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल की भूमिका प्रो. रचना सरदाना तथा प्रो. शशि माटा ने निभाई। डॉ विनय सिंघल ने विभाग की गतिविधियों का वर्णन किया तथा डॉ. दीपक ने मंच का सफल संचालन किया।