3 days workshop

3 days workshop

यह बहुत खुशी की बात है कि आर.के.एस.डी. कॉलेज, कैथल में 25 से 27 सितम्बर 2025 तक “विद्यार्थी रोजगारपरक कौशल” पर तीन दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम वाधवानी फाउंडेशन के साथ कॉलेज द्वारा किए गए समझौता ज्ञापन के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य संकाय सदस्यों को रोजगारपरक कौशल पाठ्यक्रम को अनुभवात्मक अधिगम, पलटी हुई कक्षा पद्धति और कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित शिक्षण उपकरणों के माध्यम से पढ़ाने हेतु तैयार करना था।

पहले दिन 25 सितम्बर को उद्घाटन सत्र का शुभारंभ आर.वी.एस. एवं गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष अश्वनी कुमार शोरवाला, अरुण साराफ, श्याम बंसल, उपाध्यक्ष, आर.वी.एस., नवनीत गोयल,अध्यक्ष, आर.के.एस.डी. कॉलेज ऑफ फार्मेसी, जगदीश कौलिया,अध्यक्ष, आर.के.एस.डी. कॉलेज ऑफ एजुकेशन, पवन जैन, प्राचार्य राजबीर पाराशर एवं उप-प्राचार्य सीमा गुप्ता की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ। माननीय अतिथियों ने शिक्षा एवं रोजगार के बीच की खाई को पाटने की आवश्यकता पर बल देते हुए संकाय सदस्यों को प्रेरित किया। इसके पश्चात मुख्य प्रशिक्षक सुश्री शिप्रा थप्पा एवं परामर्शदाता प्रियंका पंवार ने प्रतिभागियों को वाधवानी फाउंडेशन, उसके उद्देश्यों, पहलों तथा अनूठे “देखो – सोचो – सहयोग करो – करो और और अधिक सीखो” मॉडल से परिचित करवाया। दिन का समापन माय ट्यूटर के माध्यम से कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित संवाद, चिंतनशील अभ्यास एवं सत्र की प्रासंगिकता पर सक्रिय चर्चाओं के साथ हुआ।

दूसरे दिन 26 सितम्बर को कार्यक्रम का केंद्र कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों एवं अभिनव शिक्षण पद्धतियों पर रहा। संकाय सदस्यों को निजी प्रस्तुति प्रशिक्षक, साक्षात्कार मार्गदर्शक और करियर साथी जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित संसाधनों से अवगत कराया गया, जो विद्यार्थियों को संरचित मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। साथ ही पलटी हुई कक्षा, मिश्रित अधिगम एवं सहयोगात्मक अधिगम जैसी विधियों को वास्तविक उदाहरणों सहित प्रस्तुत किया गया। मुख्य प्रशिक्षक ने संचालन कौशल पर भी मार्गदर्शन दिया तथा प्रश्न पूछने की रणनीतियों (विस्तृत प्रश्न, गहराई में जाने वाले प्रश्न और क्रमिक प्रश्न) को स्पष्ट किया। उनकी रोचक एवं सौहार्दपूर्ण शैली ने सभी प्रतिभागियों को सक्रिय रूप से भाग लेने हेतु प्रेरित किया।

तीसरे दिन 27 सितम्बर को कार्यक्रम लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम और उसके व्यावहारिक उपयोग पर केंद्रित रहा। इस दिन संकाय सदस्यों का 45 प्रश्नों की संरचित परीक्षा के माध्यम से मूल्यांकन भी किया गया, जिसमें रोजगारपरक अवधारणाएं, शिक्षण पद्धतियां एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का प्रयोग शामिल था। मूल्यांकन प्रक्रिया कठोर होने के साथ-साथ सहयोगात्मक भी रही, जिससे संकाय सदस्यों का आत्मविश्वास बढ़ा और वे इस पाठ्यक्रम को पढ़ाने के लिए पूर्णतः तैयार हो सके।

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