आर.के.एस.डी. कॉलेज, कैथल की उद्यमिता प्रकोष्ठ ने उद्यमिता पखवाड़ा का आयोजन बड़े उत्साह और विद्यार्थियों तथा संकाय सदस्यों की सक्रिय भागीदारी के साथ किया। इस कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजबीर पराशर के प्रेरणादायी मार्गदर्शन और आशीर्वाद से हुआ, जिनका दृष्टिकोण और उत्साह इस आयोजन की प्रमुख प्रेरणा बना।
कार्यक्रम की शुरुआत औपचारिक उद्घाटन सत्र से हुई, जिसमें प्राचार्य डॉ. राजबीर पराशर ने उद्यमिता पखवाड़ा मनाने के उद्देश्य को स्पष्ट किया। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि किस प्रकार उद्यमिता रोजगार सृजन, आर्थिक स्वतंत्रता और राष्ट्रीय विकास में योगदान करती है। पूरे दिन भर “नौकरी खोजने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनो” का संदेश गूंजता रहा। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. विनय सिंगल और डॉ. सूरज वालिया के नेतृत्व में हुआ, जिन्होंने संयोजक की भूमिका निभाई। कार्यक्रम को और अधिक सफल बनाने में डॉ. विशाल आनंद और प्रो. सुमित कुमार का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
कार्यक्रम के अंतर्गत दो सृजनात्मक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया – स्लोगन लेखन प्रतियोगिता और पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता। इन दोनों प्रतियोगिताओं का उद्देश्य विद्यार्थियों को अपने विचारों, रचनात्मकता और उद्यमशीलता संबंधी सोच को व्यक्त करने का मंच प्रदान करना था। विषयों ने विद्यार्थियों को युवाओं की स्टार्टअप निर्माण में भूमिका, उद्यमियों की चुनौतियाँ और नवाचार की महत्ता पर विचार रखने के लिए प्रेरित किया।
स्लोगन लेखन प्रतियोगिता में विद्यार्थियों की तीक्ष्ण सोच और स्पष्ट दृष्टिकोण सामने आया। उनके नारे रचनात्मकता से परिपूर्ण थे और उन्होंने कठिन परिश्रम, नवाचार और दृढ़ संकल्प के महत्व को दर्शाया। दूसरी ओर, पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता कल्पनाशीलता, विचारों और उद्यमशीलता की रंगीन और कलात्मक प्रस्तुति रही। पोस्टरों में “बेहतर भविष्य के लिए स्टार्टअप्स,” “विकास की कुंजी है नवाचार” और “आत्मनिर्भरता का मार्ग – उद्यमिता” जैसे विषयों का सजीव चित्रण किया गया।
दिन का एक विशेष आकर्षण था श्री बलदेव आर्य,सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग, कैथल द्वारा दिया गया विशिष्ट व्याख्यान। उन्होंने विद्यार्थियों को उद्यमिता के क्षेत्र की चुनौतियों और अवसरों से अवगत कराया। अपने व्याख्यान में उन्होंने कहा कि उद्यमिता केवल व्यवसाय तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक मानसिकता है जो व्यक्ति को नवाचार करने और वास्तविक जीवन की समस्याओं का समाधान खोजने के लिए सक्षम बनाती है। उन्होंने विद्यार्थियों को स्वतंत्र रूप से सोचने, साहसपूर्वक अपने विचारों को आगे बढ़ाने और असफलताओं से सीख लेने के लिए प्रेरित किया। उनके प्रेरणादायी शब्दों ने विद्यार्थियों पर गहरी छाप छोड़ी। उन्होंने विद्यार्थियों को कई सरकारी योजनाओं से भी परिचित कराया।