कैमिस्ट्री विभाग के द्वारा ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ मनाया गया। भारत के महान् वैज्ञानिक डॉ चन्द्रशेखर वेंकटरमण ने विश्वप्रसिद्ध “रमन इफेक्ट” 28 फरवरी 1928 को दिया था जिसके कारण हर वर्ष 28 फरवरी को विज्ञान दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर प्रो. नीरज दिलबागी विभागाध्यक्ष बायो एवं नैनो टेक्नोलोजी विभाग, गुरू जम्भेशवर विश्वविद्यालय हिसार पहुंचे। उनका स्वागत प्राचार्य डा संजय गोयल, विभागाध्यक्ष डा शिल्पी अग्रवाल, डा. अशोक शर्मा ने किया। मुख्य वक्ता ने अपने सम्भाषण में ‘स्माल थिंग्ज, बिग ड्रीम ‘ के विषय पर विचार रखे। इसमें उन्होनें जीवन में नैनो मैटीरियल के प्रयोग की सम्भावना को उजागर किया। उन्होने बताया की नैनो तकनीक ने तौलिया, जुराब तथा अन्य कपड़ों तक को नया रूप प्रदान किया है, इसमें दुर्गंध नही होगी, कम धोने की जरूरत होगी। जीवन के हर क्षेत्र में नैनो मैटीरियल का प्रयोग जीवन को आसान बना देगा। घरों पर पैंट, कारों के टायर एवं ढांचा, लाखों तरह के रंग, नैनो रोबोट, दवाइयाँ हर वस्तु पर इसका प्रभाव जल्द ही देखने को मिलेगा। गलियों में टंगे तार कुछ ही दिन के मेहमान हैं। रोबोट, रेल, जहाज, उपभोग की सभी वस्तुओं का स्वरूप बदल रहा है। हर तरह का दाग, डेन्ट, इन्जैक्शन बीते समय की बात हो जाएगी। नैनो तकनीक सबकुछ बदल देगी। इस अवसर पर बी.एस.सी. के विद्यार्थियों ने भी पोस्टर और पी.पी प्रेजेंटेशन के माध्यम से साईंस डे का महत्व व इस वर्ष के थीम ‘महिला एवं विज्ञान ‘ पर प्रस्तुति दी। प्राचार्य डा संजय गोयल ने विद्यार्थियों को डॉ चन्द्रशेखर वेकंटरमन एवं उनके शोध कार्य पर गहनता से विचार करने की सलाह दी। उन्होने धन्यवाद प्रस्ताव में मुख्यातिथि का धन्यवाद किया की उन्होनें नैनो-तकनीकी क्षेत्र में हो रहे नये कार्यों से छात्रों को अवगत करवाया। इस अवसर पर डा सतबीर मैहला, डा. सी.बी. सैनी, डा अनिल नरूला, डा गगन मित्तल, प्रो राजेश देसवाल, डा.मंजुला गोयल, डा. सुरूची शर्मा, डा अशोक अत्रि, प्रो जयबीर धारीवाल आदि उपस्थित रहे।