Extension lecture on the topic of ‘Recession in economic development of India’.

अर्थशास्त्र विभाग में ‘भारत के आर्थिक विकास में मंदी’ विषय पर पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ समीता शर्मा ने व्याख्यान दिया। उन्होने बताया कि अर्थव्यवस्था में आई मंदी केवल आंतरिक कारणों से ही नहीं है, बल्कि इसके पीछे बाह्य कारण भी जिम्मेवार हैं ।आंतरिक रूप से बढ़ता हुआ एन.पी.ए., ऑटोमोबाइल सेक्टर में बी. एस. 4 का आगमन और लोन का गलत प्रयोग- मुख्य कारण है। बाह्य कारणों-अमेरिका चीन में व्यापार युद्ध , संरक्षणवादी नीतियाँ तथा बाजार पर नियंत्रण की प्रवृत्ति मुख्य रूप से इस मंदी के लिए ज्यादा जिम्मेवार है। डॉ समिता शर्मा ने अपने व्याख्यान में स्पष्ट करने की कोशिश की कि अभी भी अर्थव्यवस्था संक्रमण काल से गुजर रही है, इसमें निरंतरता जल्दी ही आ जाएगी। इससे पहले कॉलेज पहुंचने पर मुख्य अतिथि का स्वागत प्राचार्य डॉक्टर संजय गोयल, विभागाध्यक्ष डॉ वीरेंद्र गोयल, डॉक्टर सूरज वालिया, प्रोफेसर मीनू अग्रवाल, प्रोफेसर मनिका और प्रोफेसर श्वेता ने फूलों का गुलदस्ता देकर किया। प्राचार्य डॉक्टर संजय गोयल ने अपने स्वागत भाषण में मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा विचार व्यक्त किया कि भारतीय अर्थव्यवस्था की जड़े परंपरागत रूप से बहुत मजबूत है, अतः इसके बारे में जल्दबाजी में कोई भी अंदाजा ना लगाया जाए, अभी अर्थव्यवस्था के विकास की संभावनाएं बहुत हैं ।अतः सजग रहकर इन संभावनाओं को अवसर में बदलने की आवश्यकता है। व्याख्यान के अंत में छात्रों ने विभिन्न प्रश्नों के द्वारा प्रोफेसर समिता शर्मा से अर्थव्यवस्था तथा उससे संबंधित विभिन्न घटकों, समस्याओं और उपायों की जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम के अंत में सभी विद्यार्थियों से इस व्याख्यान के बारे में फीडबैक फार्म भी भरवाए गए ताकि प्राप्त सुझावों के आधार पर भविष्य में व्याख्यान आयोजित किए जा सके। मंच संचालन का कार्य डॉक्टर सूरज वालिया ने किया।

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