राजनीति शास्त्र विभाग द्वारा ‘अंग्रेजी सिखने में व्यवधान एवं निदान ‘ विषय पर अंतर-विभागीय एक्सटेंशन लेक्चर का आयोजन

राजनीति शास्त्र विभाग में ‘अंग्रेजी सिखने में व्यवधान एवं निदान ‘ विषय पर अंतर-विभागीय एक्सटेंशन लेक्चर का आयोजन किया गया।मुख्य वक्ता के रूप में अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष डा. राजबीर पराशर ने अपने वक्तव्य में विद्यार्थीयों को बताया की वर्तमान समय में अंग्रेजी का ज्ञान पहले से ज्यादा जरूरी हो गया है, क्योंकि विश्वभर में अंग्रेजी ही माध्यम के रूप में ज्ञान के आदान-प्रदान का सबसे बड़े साधन के रूप में उभरी है। राजनीति शास्त्र के विद्यार्थीयों को तो अंग्रेजी का सामान्य ज्ञान होना और भी जरूरी है, यह उनके लिए नये रास्ते खोलेगा। वो अपने विषय के ज्ञान एवं अंग्रेजी भाषा के द्वारा अंतर-राष्ट्रीय स्तर तक पहचान बना सकते हैं। हरियाणा के विद्यार्थीयों के लिए अंग्रेजी सिखना अन्य भारत के राज्यों की तुलना में आसान है क्योंकि क्षेत्रीय भाषा का उलझाव नहीं है। अत: विद्यार्थीयों को इसके शास्त्रीय स्वरूप की चिंता छोड़कर व्यवहारिक रूप में अंग्रेजी के प्रयोग पर ध्यान देना चाहिए। अंग्रेजी सीखना सुनने, पढ़ने, लिखने की प्रक्रिया से होता हुआ बोलने तक जाना चाहिए। इसके लिए गलती होने के डर से बाहर निकलना होगा। दूसरे इसको दिनचर्या में शामिल करना होगा। उन्होने बताया की किसी भी अच्छे अंग्रेजी के विशेषज्ञ और सामान्य छात्र में बस इन दो बातों का अंतर होता है। अत: अंग्रेजी सिखने के लिए इसके प्रति थोड़ा सा रूझान ही काफी है। इससे पहले विभागाध्यक्ष डा. सी.बी. सैनी ने वक्ता का स्वागत किया तथा यह विचार दिया की अंतर-विषयक अध्ययन के महत्व को स्पष्ट करने के लिए इस तरह के व्याख्यान समय की मांग है। विभाग में अंग्रेजी से विद्यार्थीयों को जोड़ने के लिए इस तरह की गतिविधियां आगे भी करवाई जाएगी। डा.अशोक अत्रि ने अंग्रेजी सिखने के रास्ते में बाधाओं के रूप में कुछ संस्मरण बताए। डा. सुरेंद्र सिंह ने मंच संचालन का कार्य किया तथा प्रो.श्रीऔम ने धन्यवाद प्रस्ताव पढ़ा। इस अवसर पर प्रो जगबीर, प्रो प्रवीण भी उपस्थिति थे।

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