आई. क्यू. ए. सी. एवं नैक कोर्डिनेशन समिति के द्वारा दो दिवसीय आॅन लाईन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम ‘उच्चतर शिक्षा में गुणात्मक अनुसंधान :आचार एवं संस्थागत सहयोग ‘ विषय पर आज दूसरे एवं अंतिम दिन मुख्य वक्ता डा. आर. के. उप्पल, एसोशिएट प्रोफेसर अर्थशास्त्र, डी. ए. वी. कॉलेज, मलौट, पंजाब रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ डा. सुरूची शर्मा के द्वारा ‘विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस’ पर प्रतिभागीयों को शपथ दिलाने से हुआ। इस अवसर पर प्रकृति के संरक्षण पर एक शार्ट फिल्म भी दिखाई गई। उसके बाद डा. सीमा गुप्ता, संयोजक, आई. क्यू. ए. सी ने मुख्य अतिथि डा.उप्पल का औपचारिक परिचय करवाया । डा. आर.के. उप्पल ने ‘शोध प्रकल्प: तैयारी एवं संस्थागत सहयोग ‘ विषय पर प्रकाश डाला। उन्होने अपने वक्तव्य में गुणात्मक अनुसंधान के लिए शोध प्रकल्प (प्रोजेक्ट) के निर्माण को बहुत आवश्यक बताया। यह शोध योजना को सही कार्यान्वित तो करेगा ही, उसे आर्थिक रूप से संसाधन भी उपलब्ध करवाएंगा। बहुत से सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थान गुणात्मक अनुसंधान के लिये लाखों रूपये अनुदान दे रहे हैं। अनुसंधानकर्ता इसे तभी प्राप्त कर पाएगा जब उसका शोध प्रोजेक्ट स्तरीय हो। उन्होनें इसके निर्माण की बारीकियाँ, विधियां एवं तकनीकी रूप को पी.पी.टी. के माध्यम से समझाया। उन्होने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रिय स्तर पर अनुदान देने वाली संस्थाओं का विवेचन करने के साथ साथ उसे प्राप्त करने के लिए की जाने वाली तैयारी का भी उल्लेख किया।
प्राचार्य डा. संजय गोयल ने अपने सम्मापन भाषण में शोध प्रोजेक्ट को समय की जरूरत बताया, इसमें न केवल शोधकर्ता को फायदा मिलेगा बल्कि संस्था को भी भावी योजनाओं में सहायता मिलेगी। उन्होनें संस्थागत सहयोग के बारे में विश्वास दिलाया की, संस्था हर तरह से सहयोग के लिए तैयार है। उन्होने शोधकर्ता को शोध सहायक भी उपलब्ध करवाने की बात कही। कार्यक्रम का संचालन डा. शिल्पी अग्रवाल ने किया तथा इस विषय पर चर्चा परिचर्चा का संचालन डा. सुरेंद्र सिंह ने किया। विशेष रूप से डा. आर. के. गुप्ता, डा. विकास भारद्वाज एवं डा. वीरेंद्र गोयल एवं अन्य लगभग पंद्रह प्रतिभागीयों के द्वारा पूछे गए प्रश्नो का निवारण मुख्य वक्ता ने बखूबी किया। डा. राजबीर पाराशर , संयोजक, नैक कोर्डिनेशन समिति ने धन्यवाद ज्ञापन पढ़ा। उन्होनें सभी प्रतिभागीयों, अतिथियों एवं आयोजन समिति के सभी सदस्यों एवं मीडिया का भी धन्यवाद किया। आज भी इसका संचालन गूगल मीट, यू ट्यूब लाईव एवं फेसबुक पर किया गया।