Two Days online Faculty Development Program organised by IQAC and NAAC coordination committee.

आई.क्यू.ए.सी. एवं नैक कोर्डिनेशन समिति के द्वारा दो दिवसीय आॅन लाईन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम ‘उच्चतर शिक्षा में गुणात्मक अनुसंधान :आचार एवं संस्थागत सहयोग ‘ का शुभारम्भ बहुत ही प्रभावशाली एवं ज्ञानवर्धक रहा। पहले दिन के कार्यक्रम की अध्यक्षता कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरूक्षेत्र के रजिस्ट्रार डा. भगवान सिंह ने की तथा मुख्य वक्तव्य कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरूक्षेत्र के पुस्तकालयाध्यक्ष एवं विभागाध्यक्ष सूचना एवं पुस्तकालय विज्ञान विभाग डा. मनोज जोशी ने दिया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम डा. राजबीर पराशर संयोजक, नैक कोर्डिनेशन समिति ने कार्यक्रम के शीर्षक एवं उद्देश्ययों का परिचय प्रतिभागीयों को करवाया तथा इसे परिचर्चा के लिए प्रेषित किया। प्राचार्य डा संजय गोयल ने स्वागत भाषण से सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा आशा जताई कि गुणात्मक अनुसंधान और उसमें आचार एवं नीति के विभिन्न आयामों के बारे में चर्चा के साथ-साथ कुछ विशेष निष्कर्षों तक पहुंचने में यह प्रयास कामयाब रहेगा। डा. सीमा गुप्ता, संयोजक, आई. क्यू. ए. सी ने मुख्य अतिथियों का संक्षिप्त परिचय करवाया।
डा. मनोज जोशी ने मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए गुणात्मक अनुसंधान में आचार शास्त्र एवं उसके प्रयोग को सबसे ज़रूरी बताया। इसे उन्होने एक तरह का धर्म बताया। उन्होने शोधकर्ता के लिए नैतिक एवं वैज्ञानिक कर्तव्य सबसे आवश्यक बताए। उनके अनुसार अनुसंधान समस्या के बारे में सत्य तक पहुंचाने का मार्ग है, अतः इसको करते हुए स्थापित नियम, नीति, विधि का पालन तटस्थ एवं वैज्ञानिक रूप से होना चाहिए। उन्होने बताया की अगर शोधकर्ता इनका पालन नहीं करेगा तो प्राप्त निष्कर्ष शोध उद्धेश्यों को प्राप्त नहीं कर पाएगा। उन्होनें अपने लगभग दो घंटे के संभाषण में पी.पी.टी. की सहायता से अनुसंधान, इसके प्रकार, प्रकिया, इसमें आचार एवं नैतिकता, प्लेज्यरिज्म की समस्या , इसको जाचने की विधियां एवं शैक्षिक क्षेत्र में इसे रोकने के लिए किए गए प्रयासों के ऊपर विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया।
डा. भगवान सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में गुणात्मक अनुसंधान को समय की जरूरत बताया, तथा इसमें नीतिगत अध्ययन एवं इसके लिए संस्थागत सहयोग एवं सहायता के महत्व का उल्लेख किया। उन्होनें प्राचार्य, प्रबंधक समिति एवं कार्यक्रम समिति का इस समय में इस तरह का आयोजन करने के लिए प्रशंसा की। कार्यक्रम का संचालन एवं समन्वय डा. शिल्पी अग्रवाल ने किया ।प्रश्नोउत्तर पर चर्चा परिचर्चा का संचालन डा. सुरेंद्र सिंह ने किया। डा. नरेश, पुस्तकालयाध्यक्ष ने धन्यवाद ज्ञापन पढ़ा। इसमें कुल लगभग 1000 प्रतिभागीयों ने पंजीकरण करवाया तथा इसका संचालन गूगल मीट, यू ट्यूब लाईव एवं फेसबुक पर किया गया।

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